Sunday 13 September 2020

वो आसमान का तारा

 





आज फिर एक सितारा हमारे बीच से उठ कर आसमान का हो गया,


वो तो जगमगा उठा

अपना बहुत कुछ खो गया,


हाँप्रकाश है उसका यहाँ

और ऊपर से भी छलक रहा,


कह रहा देखो इसे

इसी में मिलेगा रास्ता नयाहौसला बढ़ा,


चातक की तरह मैं आसमान को देखता रहा,

कि बरस जाए शायदतो समेट लूँ तुझे जी भर के,

इस पल के लिए , उम्र भर के लिये |||



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